Monday, July 5, 2021

यकीन का सफर

समय हर पल समान नहीं होता,  

खुद पर यकीन का सफर आसान नहीं होता,

कई लम्हें ऐसे आएंगे ज़िंदगी में, जिनका कोई मुकाम नहीं होता,

यकीन उनपर करो जिन्हें तुम पर भरोसा है, 

भरोसा ख़ुद पर करो, ताकत बनता है, 

सफर ज़िंदगी का तभी तो जहां- नुमा बनता है। 


तैयार रहो पग-पग पर जंग होगी, 

यकीन के सफर की हर राह तंग होगी, 

रिश्तों के भंवर पैरों को जकड़ेंगे, 

समाज के कायदे हर कदम को पकड़ेंगे, 

ऐतबार बस खुद पर करना तुम, 

प्यार पहले खुद से करना तुम, 

सूफी भी बनाएगा ये यकीन का सफर, 

परवाज़ बन कर बेझिझक बढ़ना तुम।  


जो साथ दें उनपर न्यौछावर होना, 

जो न समझें उनके लिए मत रोना, 

जिंदगी क्या है चंद लम्हों की जागीर है, 

अपनी झोली को यादों से भरना, 

गम न करना किसी के बिछड़ने का, 

हर कोई लेकर आता है समय गिनती का, 

खुद के दायरों से हमें खुद ही है जीतना  

तभी तो बनेगा सफर यकीन का। 







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