Saturday, November 23, 2019

बस चुप रहेंगे......


तुमने कई बार इस दिल को दुखाया,
तुम समझती नहीं कह कर कई बार रुलाया, 

नहीं ऐसे नहीं, ऐसे करते हैं, 
ये ठीक नहीं है, ये तुमहें नहीं आता, 
क्या एक बार में समझ नहीं आता,
कभी ओहदे, कभी उम्र , कभी अनुभव के आगे मुझे झुकाया. 

तुमने कई बार इस दिल को दुखाया,
तुम समझती नहीं कह कर कई बार रुलाया, 

में बिना सोचे समझे बोलती हूं ये नुक्स भी बताया,  
खाने में दाल रोटी हो या चिकन या फिर टू मिनट मैगी,
मेरी बनाई किसी भी चीज़ पर कभी तुम्हें नाज़ नहीं आया,
पानी ज्यादा, नमक कम, हर बार बस यही सुनने में आया, 
मेरे ओढ़ने पहन्ने की भी कई बार हंसी उढ़ाई, 
हर पल मेरे confidence को छल्लनी किया,

फिर भी बात नहीं बनी तो, प्यार का वास्ता दे कर गिल्ट ट्रिप पर चढ़ाया, 
कभी हमारे लिए भी टाइम निकालो, 
कभी हमसे भी बैठ कर बात करो, 
देखो लड़ना मत, तुम पुराने दिन भूल गई, 
ऐसा कह कर मुझपर बदलने का इलज़ाम लगाया, 

खुद मेरी तरफ नजर उठा कर देखते भी नहीं, 
आग की अफवाह में मेरी सोच दिमाग में भटकी भी नहीं , 
मेरे किसी ख्वाब को तवव्जो देने लायक नहीं समझा,
और मेरे भरोसे मत रहना - कह कर बार बार टरकाया.

तुमने कई बार इस दिल को दुखाया,
तुम समझती नहीं कह कर कई बार रुलाया, 

शादी की नीव होती है प्यार और विश्वास, 
तुम्हें मुझसे प्यार है, ये तो तुमने गाहे बगाहे मुझे बताया,
लेकिन विश्वास का बक्सा मैने हमेशा खाली ही पाया.

न जाने ये कैसा प्यार है,
जो चीज़ों को, मिट्टी गारे के मकान को, सजावट को,
समाज के बनाए बेमाईने तौर तरीकों को,
इंसान से आगे रखता है।
हर पल किसी को ये एहसास दिलाना की वो कमतर है,
कहां की इंसानियत है, कैसा प्यार है?

मैने तो सोचा था प्यार दोस्ती है,
लेकिन दोस्ती तो दोस्त को आगे बढ़ाती है,
हां, दोस्ती दोस्त के नुक्स बताती है,
लेकिन दोस्ती दोस्त में विश्वास जगाती है,
दोस्ती अपने imperfect दोस्त को perfect बनाने की कोशिश नहीं,
दोस्ती उन imperfections को अपना कर आच्छाइयां देखने में है,
मैने तो यही समझा और यही किया,
लेकिन .....

तुमने कई बार इस दिल को दुखाय
तुम समझती नहीं कह कर कई बार रुलाया, 

हिम्मत जुटा कर कभी तुमहें कुछ बाताया,
तो बदले में गुस्सा और नराजगी का सैलाब ही पाया,
कल परसों किसी ने खूब कहा, बस चुप रहना है, ये बताया.
चलो अब यही करेंगे, आगे की life अब यूं ही कटेगें,

अपने दिल को अब दुखने नहीं देंगे,
अपनी समझ पर अब शक नहीं करेंगे,
बस चुप रहेंगे, अपने अंतर मन को साफ करेंगे,
खुद से खुद की मुलाकात करेंगे,
बस चुप रहेंगे, बस चुप रहेंगे.......





 







Thursday, November 7, 2019

Hug A Tree

Take your turn and hug a tree.
Make a wish for all to see,
Plant your tree, for you to breathe,
Be citizens of EARTH as I say,
Go find yourself a tree to hug today,
This is how the world came by,
We have to save it, lets all try.

Surrounded by Technology, forgetting mother nature, isn't that strange.
Let's bring the change, let's be the change,
Let's list our priorities and re-arrange
If we want life, we have to strive,
Go hug a tree, to be alive,
Go Plant a tree, if you want to survive.

Oh! stop running the race, slowdown
Take stock of what you have created around,
The Earth is shattered, the Mountains are tattered,
Our forests are burning, the rivers are dying, 
It's not about the future, our present is crying.

Get up! Take your turn and hug a tree,
Let's be the change we want to see,
Let's do our bit and plant our TREES





Peace

Peace will make the world free,
It will open our eyes and help us see,
See the innocence, See the need,
Just spread love like a weed.

Let's speak up, tell a friend, 
All these conflicts need to end,
End the fight for land,
End the battle for Religion,
See the bigger picture, let humanity be the deed.

Peace begins, when we care,
Let's make this world genuinely fair,
When you have food, please share,
When you are happy, please share,
Share your dreams, lets clear the stream,
When war and conflict totally cease,
In our world, there will be PEACE.