फिर हुईं आखें नम और प्यार याद आया,
दिल में छुपा के रखा, वो ख्याल याद आया,
इस दहलींज़ पर, अकेला, मेरा इंतजार है,
मेरे प्यार को वहां से गुजरना भी नगवार है,
फिर भी न जाने क्यों वो शक्स बार बार याद आया.
बुनता है बेहिसाब जज़बातों की चादर ये दिल,
फिर जार जार रोता है ये दिल,
हुईं आखें नम और प्यार याद आया,
दिल में छुपा, वो इज़हार याद आया।
अपने इश्क की सर ज़मीन तुमको मान लिया,
अपनी हंसी, अपनी कमी तुमको जान लिया,
हां, हमारे रास्ते अलग हैं ये भी पहचान लिया।
बस प्यार से चलती कहां है ये दुनिया,
सिर्फ एहसासों से पिघलती कहां है ये दुनिया,
चाहत के रास्तों पर हम ग़म से मयस्सर हैं,
कोई हमसे भी टूट कर करे प्यार ,
ये ख्वाब हमारा, अरमानों के सर है।
फिर हुईं आखें नम और दिल को समझाया,
जिंदगी के इस पड़ाव पर कोई नहीं है तेरा हमसाया।
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