एक मासूम सा एहसास
एक नज़ुक सा स्पर्श
एक नज़ुक सा स्पर्श
कुछ बेमाने से शब्द
कुछ सुरीला, कुछ बेसुरा सा संगीत
कुछ ऐसी होती है प्यार से पहली मुलाकात
कभी मीठी रोटी की मिठास
कभी दूध में हलदी के साथ
आसुओं और चिन्ता में घिरा
हर पल दुआ में लिपटा, गर्व से भरा होता है प्यार
फिर एक दिन हम बड़े हो जाते हैं
प्यार हर किसी से एक सा नहीं होता ये जान जाते हैं
इसके अलग अलग रुप, नए एहसास जगाते हैं
लोगों से ही नहीं चीजों से भी जुड़ जाते हैं
अपना मैं आईने में साफ देख पाते हैं,
खुद के प्यार में हम इतना डूब जाते हैं,
फिर कुछ पल यूं ही बीत जाते हैं।
ज़िन्दगी एक नया मोड़ लेती है
प्यार के नए अंदाज़ उस मोड़ पर खड़े पाए जाते हैं,
हवाएं चलती हैं, जुलफें उड़ती हैं,
आखें मिलती हैं, चहरे की मुसकान दिल के तार छेड़ जाती है
मौसम सुहाना लगता है, दिल दिवाना लगता है,
किसिको देखते ही गाना बजाने लगता है
फूल, बातों और इरादों का ताना बाना सजता है
ये प्यार कुछ अलग रंग बिखेर जाता है,
खूद से आगे बढ़कर किया ये पहला प्यार ज़हन में बस जाता है
फिर मौहब्बत जवां होती है,
कभी बेहद खुदगर्ज़, कभी बेवफा होता है,
कभी बेबाक और तो कभी बेपरवाह होती है,
कहीं नए रिश्ते जोड़ता है प्यार,
तो कहीं कई अरमान तोड़ता है प्यार,
खुशकिस्मतों को एक बार फिर बचपन की रौनक मिलती है
अपने से ज्यादा, उनकी मुस्कुराहट से हमारी हंसी खिलती हैं,
लेकिन ये प्यार खुद से उपर उठने की सीख दे जाता है,
निस्वार्थ होने का वादा कराता है,
फिर उम्र धीरे धीरे रवाँ होती है,
शफ़क़ की लाली जिन्दगी पर छाती है
ये तो प्यार के माईने ही बदल जाती है
रिश्तों से उपर फिर उठता है प्यार
अब रोम रोम में बसता है प्यार
अब हर चीज़ में वाबस्ता है प्यार