मुझसे इन आंसुओं कि वजह न पूछो,
ये बिना इजाज़त ही छलक जाते हैं,
तुम्हारे साथ होने पर भी तुम्से दूर होने का गम मनाते हैं,
इनको रोकती हूं, समझाती हूं,
लेकिन मन से बार बार हर जाती हूं,
जानती हूं, न ये फासलों को
मिटा पाएंगे, न जिंदगी की कशमकश को
सुलझा पाएंगें, बस बहते जाएंगे।
मुझसे इन आंसुओं कि वजह न पूछो,
ये मेरे दिल की जुबां भी न बन पाएंगे,
गलत, सही की समझ नहीं है इन्हें,
ये मेरे हाल पर बस तरस खाएंगे,
ये आंसू मेरे बस बहते जाएंगे,
खुशी में मेरे दिल का साथ निभाएंगे,
तुमहारे साथ होने के, हर पल को ये मनाएंगे।
मुझसे इन आंसुओं कि वजह न पूछो,
तुमने जो एहसास जगाएं हैं ये उनको जी रहे हैं,
दिल की हर धड़कन के साथ ये दुआ दे रहे हैं,
सिर्फ आंखों से छलका पानी नहीं हैं ये,
तुम्हें बुलंद परवाज़ देखने के जज़्बात हैं,
मुझसे मेरे आंसुओं की वजह न पूछो......
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