Saturday, March 30, 2019

सड़क

काली सी इस सड़क के इस पार अंधेरा है,
तो उस तरफ है रौशनी
भुखमरी है इस तरफ
तो उस तरफ है जिंदगी खड़ी
इस तरफ है केवल प्यास,
उस तरफ हर्ष और उल्लाहस
यहां गरीबी से हताश मौत भी है रो रही
वहां अमीरी के शोर गुल में जिंदगी कहीं खो गई
किसी को मिला है धरती पर नर्क
कोई समझता है, सर्वग पर है केवल उसका हक
काली सी इस सड़क पर रोज ये चलेंगे, पर
सड़क के ये दो तरफ शायद कभी नहीं मिलेंगे

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